लखनऊ । हाल के दिनों में यूपी के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप केस में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के भाई सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस पूरे मामले में अभी भी पीड़िता का कहना है कि भाजपा विधायक की गिरफ्तारी होनी चाहिए, उसी ने उसकी जिंदगी को नर्क बनाया है। उसकी भाई की गिरफ्तारी से क्या होगा। विधायक को फांसी की सजा होनी चाहिए। इन लोगों ने ही मेरे पिता की हत्या की है। बहरहाल, इस पूरे मामले को लेकर सूबे की राजनीति गर्मा गई है। सपा-बसपा के नेता इसे मुद्दा बनाते हुए आगामी चुनावों के मद्देनजर इसे भुनाने की जुगत में लगे हुए हैं।बता दें कि पीड़िता ने जानकारी दी थी कि गत वर्ष 4 जून को भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने उसके साथ सामुहिक दुष्कर्म किया है। एक महिला उसे विधायक कुलदीप के पास लेकर गई थी। विधायक और उसके लोगों ने उसके साथ न केवल दुष्कर्म किया बल्कि विरोध करने पर परिजनों को मार डालने की धमकी दी थी। घटना के बाद जब महिला पुलिस में इस मामले की शिकायत लिखवाने गई तो थाने में एफआईआर नहीं लिखी गई। बाद में उसकी तहरीर भी बदल दी गई थी। इसके बाद उसके पिता की जेल में मौत हो गई थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधायक सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली माखी थाना के अंतर्गत आने वाले एक गांव की निवासी 18 वर्षीय लड़की के पिता को रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं। इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान तड़के लगभग तीन बजे उसकी मौत हो गई। 50 वर्षीय इस मृतक ने परिजनों ने गैंगरेप के आरोपी बांगरमऊ से भाजपा विधायक सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। आरोप हैं कि गैंगरेप का मुकदमा वापस ना लेने पर 4 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारापीटा था। पुलिस ने इसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे ही जेल भेज दिया था।