पटना। आयकर विभाग के बाद बिहार सरकार ने भी राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार पर दवाब बढ़ाना शुरू कर दिया है। नीतिश सरकार ने मिट्टी घोटाले की जांच सतर्कता विभाग से कराने की घोषणा की है। बता दें कि यह घोषणा लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप पर आरोप लगाने वाले मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने की है। मोदी के पास इस समय वन और पर्यावरण मंत्रालय का प्रभार भी है।
मिट्टी की खरीदो फरोख्त में घोटाला
गौरतलब है कि सुशील कुमार मोदी का कहना है कि विजिलेंस विभाग की जांच एक निश्चित समय सीमा के अंदर कराकर उसकी रिपोर्ट पटना हाईकोर्ट में सौंपी जाएगी। हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले ही मिट्टी घोटाले की रिपोर्ट तलब की थी। आपको बता दें कि पटना में लालू प्रसाद के निर्माणाधीन एक माॅल से निकली मिट्टी का इस्तेमाल चिड़ियाघर में सड़क निर्माण के लिए किया गया। मिट्टी की खरीद फरोख्त में कुछ लोगों को लाखों का भुगतान किया गया। इस मामले को उस समय के विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने ही उजागर किया था।
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तेजप्रताप की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
यहां बता दें कि इस मामले की विभागीय जांच की गई थी लेकिन सुशील मोदी ने इसपर लीपापोती का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जो काम टेंडर से होना था वह सिर्फ कुछ फर्म से कोटेशन लेकर कर दिया गया। इस कोटेशन प्रक्रिया में भी धांधली के आरोप थे। मोदी ने यह भी आरोप लगाया था कि सड़क का निर्माण उस जगह पर कर दी गई जहां इसकी जरूरत नहीं थी। विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि महागठबंधन की सरकार रहने के कारण जांच लालू यादव के प्रभाव में हुई थी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुर्सी बचाने के लिए इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब विजिलेंस की जांच होगी तो इसके दायरे में तब के स्वास्थ्य और वन मंत्री तेजप्रताप भी आ सकते हैं।