देहरादून। केन्द्र सरकार ने कालाधन घोषित करने की तारीख 31 मार्च 2017 तय कर रखी है। सरकार ने कहा है कि इसके बाद कालेधन के साथ पकड़े जाने वालों पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद से उत्तराखंड के 25 लोगों ने करीब 12 करोड़ रुपये के कालेधन की घोषणा की है। बता दें कि नोटबंदी के फैसले के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने पैसे बैंकों में जमा कराए। इस दौरान कई जगहों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये के कालेधन का पता लगाया गया।
अघोषित आय वालों को नोटिस जारी
गौरतलब है कि प्रमुख आयकर आयुक्त अभय तायल ने बताया कि राज्य में करीब 200 लोगों को कालेधन का नोटिस भेजा गया है लेकिन अभी सिर्फ 25 लोगों ने ही इसमें अपनी काली कमाई की घोषणा की है। यहा बता दें कि पीएमजीकेवाई में 4 लोगों ने करीब तीन करोड़ रुपये की आय स्वैच्छिक रूप से घोषित की है, जबकि 21 लोगों ने अपनी 9 करोड़ रुपये की अघोषित आय सरेंडर करने में हामी भरी है। मुख्य आयकर आयुक्त के मुताबिक 31 मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) में 49.9 फीसदी राशि जमा कराकर किसी भी अन्य तरह की कार्रवाई से बचा जा सकता है। नोटबंदी के दौरान खातों में अघोषित आय के रूप में बड़ी रकम भेजने वाले लोगों को इसी मकसद के नोटिस भेजे गए हैं।
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विभाग ने कराए सरेंडर
आयकर विभाग के सामने जिन 25 लोगों ने करीब 12 करोड़ रुपये की अघोषित आय सरेंडर करने की सहमति जताई है उसमें लगभग पांच करोड़ रुपये की राशि इन्वेस्टिगेशन विंग के माध्यम से सरेंडर कराई जा रही है। इसमें 1.10 करोड़ रुपये सरेंडर कराए भी जा चुके हैं।
31 मार्च तक कितने आएंगे सामने
आपको बता दें कि आयकर आयुक्त ने कहा कि अभी यह आंकड़ा काफी कम है। इसकी वजह राज्य में हुआ चुनाव भी रहा जिस कारण सर्वे का काम देर से शुरू किया गया। हालांकि पीएमजीकेवाई में संपत्ति घोषित करने के लिए अभी समय बचा है। ऐसे में देखना होगा कि कितने और लोग स्वैच्छिक तरीके से अपनी काली कमाई घोषित करते हैं।