देहरादून। उत्तराखंड में एक के बाद एक घोटाले का खुलासा हो रहा है। अब लोगों तक पीने का पानी पहुंचाने वाली ‘पेयजल स्कीम’ में भी घोटाला किया गया है। घनसाली के भिलंगना ब्लॉक में स्वैप के तहत निर्मित पेयजल योजना के नाम पर 60 लाख रुपये का भारी-भरकम खर्च दिखा दिया गया लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यहां कोई काम ही नहीं हुआ। मामले की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। बता दें कि साल 2011-12 में भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार के सुदूर मरवाड़ी गांव के लिए स्वैप योजना के तहत पेयजल योजना के निर्माण के लिए करीब 78 लाख रुपये का बजट पास किया गया था।
सीएम ने दिए जांच के आदेश
गौरतलब है पेयजल योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जल निगम की ओर से ग्रामीण पेयजल समिति के खाते में 60 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। बजट मिलने के बाद भी यहां मौके पर कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद स्थानीय निवासी राज सिंह पंवार ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में कर जांच की मांग की थी। सीएम के निर्देश पर डीएम ने एसडीएम घनसाली को मामले की जांच करने को कहा।
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मौके पर नहीं मिला सामान
यहां बता दें कि कानूनगो अवतार सिंह बुटोला ने 4 मार्च को जल निगम अधिकारियों के साथ योजना का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उन्हें मौके पर पानी पहुंचाने वाला कोई भी सामान नहीं मिला जबकि इस काम को कागजों पर 2015 में ही पूरा दिखाया जा चुका है। अब जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि इसमें कोई काम हुआ ही नहीं है।