देहरादून । ऐसा लगता है कि उत्तराखंड में सरकार और उसके विभागों के बीच तालमेल नहीं है। इसका एक उदाहरण हाल में देखने को मिला । शिक्षा के क्षेत्र में उतकृष्ठ कार्य और सुशासन के लिए गणतंत्र दिवस पर जिस शिक्षा अधिकारी को सम्मानित किया गया, उन्हें कुछ ही घंटों बाद उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटा दिया। यह शख्स है अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी। गत शनिवार को जहां इन्हें अल्मोड़ा में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने सम्मानित किया, वहीं उस समय देहरादून में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई की नींव रखी जा रही थी।
आखिर क्या है घटनाक्रम
बता दें कि अल्मोड़ा में गणतंत्र दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में शिकरत करने के लिए शिक्षामंत्री अल्मोड़ा के एक होटल में रुक थे। मंत्री जी के शहर में होने की सूचना पाकर बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने पहुंच गए। उन्होंने आरोप लगाए कि अशासकीय स्कूलों में भर्ती के नाम पर शिक्षा अफसर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। आरोप लगाए गए कि स्कूलों की भर्ती की अनुमति देने के नाम पर लाखों रुपये मांगे जा रहे हैं।
बनाया जा रहा था दबाव
असल में अशासकीय स्कूलों में खाली पदों की भर्ती के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अनुमति लेनी होती है। इसी का फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा था। लोगों को बताया जाता था कि उनके द्वारा दिए जाने वाले रुपये ऊपर अधिकारियों तक पहुंचाए जाते हैं।
शिक्षा सचिव को दिए हटाने के निर्देश
स्थानीय लोगों समेत कुछ पीड़ितों की बातें सुनने के बाद मंत्रीजी ने शिक्षा सचिव को तत्काल मुख्य शिक्षा अधिकारी को हटाने के निर्देश दिए। मंत्री जी के आदेश होने पर शिक्षा सचिव ने गणतंत्र दिवस के दिन छुट्टी होने के बावजूद ऑफिस खुलवाया और जगदीश सोनी को हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए। उन्हें शिक्षा निदेशालय से संबंध कर दिया गया है।
बेहतर काम के लिए मिला सम्मान
इससे इतर उनका नाम गणतंत्र दिवस पर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों की सूची में था, जिसके चलते उन्हें केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री ने पुरस्कृत किया।