देहरादून। देहरादून के वाटर वर्क्स परिसर में हुए क्लोरीन गैस रिसाव के मामले में जल संस्थान के अधिकारियों के मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पेयजल सचिव ने गुरुवार को हुए क्लोरीन गैस के रिसाव के बाद फाइल तबल करने के बाद उसे अनुमोदन के लिए पेयजल मंत्री के पास भेज दिया है। बता दें कि इसी परिसर में कुछ समय पहले भी क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ था जिससे कई पुलिसकर्मियों समेत स्थानीय लोगों को सांस लेने में परेशानी होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शासन ने नहीं की कार्रवाई
गौरतलब है कि वॉटर वर्क्स परिसर में 17 अगस्त 2016 को क्लोरीन गैस रिसाव हुआ था। इस घटना में मुख्य महाप्रबंधक ने जूनियर इंजीनियर एके गुप्ता एवं फिल्टर हाउस अटेंडेंट फतेह सिंह को चार्जशीट जारी की गई थी। महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग, अधीक्षण अभियंता सुबोध कुमार व अधिशासी अभियंता यशवीर मल्ल को शासन स्तर से नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था लेकिन करीब 6 महीने बीतने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब दोबारा गैस के लीक होने के बाद शासन की नींद खुली और पुराने प्रकरण के बारे में मालूम किया गया तो इसमें पता चला कि फाइल शासन में ही डंप पड़ी है।
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मंत्री के अनुमोदन के बाद कार्रवाई
यहां बता दें कि गैस लीक होने वाले मामले में कार्रवाई की फाइल शासन स्तर पर लंबित होने की खबर के बाद सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने गंभीरता से लेते हुए फाइल तलब की। फाइल पर तीनों अफसरों के आए जवाब का परीक्षण करते हुए कार्रवाई को फाइल आगे बढ़ा दी गई। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत के अनुमोदन के बाद तीनों अफसरों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा।