देहरादून। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में हुए एनएच मुआवजा घोटाले में सरकार ने रुद्रप्रयाग के अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल को भी निलंबित कर दिया है। प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को यह आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही 2 निलंबित पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि निलंबित पीसीएस दिनेश प्रताप सिंह एवं भगत सिंह फोनिया दोनों राजस्व परिषद कार्यालय से संबद्ध हैं। इन दोनों के विरुद्ध पंतनगर थाने में मुकदमा दर्ज है। यहां बता दें कि इस घोटाले में अब तक 8 पीसीएस आॅफिसर निलंबित हो चुके हैं।
300 करोड़ का घोटाला
गौरतलब है कि प्रदेश के ऊधमसिंहनगर जिले के चार तहसीलों बाजपुर, सितारगंज, काशीपुर व किच्छा में सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर ली गई जमीनों के मुआवजे में बड़ा खेल किया गया था। इसमें लगभग 300 करोड़ से ज्यादा का घपला सामने आ चुका है। बताया जा रहा है कि रुद्रप्रयाग के अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल के निलंबन की फाइल लगभग 7-आठ महीने से शासन में लंबित थी। अब उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद सरकार ने तीर्थपाल को निलंबित कर दिया है। यहां गौर करने वाली बात है कि निलंबन के दौरान अफसर को वेतन का आधा हिस्सा ही मिलेगा।
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तीर्थपाल के खिलाफ चार मामले
बताया जा रहा है कि बाजपुर के एसडीएम रहते हुए तीर्थपाल ने काश्तकारों समेत कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए चार मामलों में कृषि भूमि को अकृषि करने का आदेश किया था। यह जमीनें बाजपुर तहसील के गांव मंडैया, टांडा आजम, कनौरी और मुंडिया में हैं।
निलंबित पीसीएस भी इसमें शामिल
सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया, एनएस नगन्याल, दिनेश प्रताप सिंह, अनिल कुमार शुक्ला और हिमालय सिंह मर्तोलिया (रिटायर)।