देहरादून। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों की तर्ज पर अब 10 से कम छात्रों वाले सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूल भी बंद किए जाएंगे। इसके साथ ही इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार भी सरकार अपने हाथों में लेने जा रही है। गौर करने वाली बात है कि पिछले दिनों इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े गड़बड़झाले की खबर मिली थी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि सरकार इन विषयों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने सरकार से पूछा कि कम छात्र संख्या वाले सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है लेकिन यह हाल सरकारी सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूलों का भी क्या उन्हें भी बंद किया जाएगा? इसके साथ ही उन्होंने इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का भी मुद्दा उठाया। जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार इस मसले पर गंभीरता से विचार कर रही है। स्कूलों में सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं होने और छात्रों से सफाई कराने के सवाल पर मंत्री सही तरीके से जवाब नहीं दे पाए लेकिन उन्होंने कहा कि छात्रों को श्रमदान के जरिए आसपास की सफाई के लिए जागरूक किया जाता है।
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यहां बता दें कि यमकेश्वर की विधायक ऋतु खंडूरी ने कहा कि सरकार ने सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबांे को लागू तो कर दिया लेकिन अभी तक बच्चों को किताबें मुहैया नहीं कराई गई है। ऐसे में उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।