देहरादून। राज्य के आठों निगमों की चांदी होने वाली है। सरकार ने 25 अगस्त तक सभी निगमों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और मुख्य सचिव एस रामास्वामी के बीच कई दौर की बैठक के बाद इस बात का फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले बाद निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ और राज्य निगम, निकाय, जल संस्थान, विकास प्राधिकरण और जिला पंचायत कर्मचारी महासंघ की ओर से 18 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर जाने का फैसला स्थगित कर दिया गया है।
मांगों को लेकर प्रदर्शन
गौरतलब है कि राज्य के निगम कर्मचारी काफी समय से सातवें वेतनमान की मांग कर रहे थे। सरकार से बतचीत के पहले महासंघ के नेताओं ने परेड ग्राउंड में बैठक की। इसमें मुख्य सचिव के साथ 21 जुलाई को हुई उस बैठक के बारे में भी चर्चा की गई जिसमें उन्होंने आठों निगमों को जल्द ही सातवां वेतनमान देने का आश्वासन दिया था। सरकार की तरफ से इस मामले में आगे कार्रवाई न होता देख निगम कर्मचारियों ने 5 अगस्त को हल्द्वानी में धरना प्रदर्शन किया गया और 11 अगस्त को रैली निकाली। इस दौरान प्रमुख सचिव उद्योग ने भी उन्हें जल्द ही उनके हक में फैसले का आश्वासन दिया लेकिन महासंघ मुख्यमंत्री से बात करने पर अड़ा रहा।
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सीएम से मिला आश्वासन
देर रात को सीएम से बात होने के बाद कई बिंदुओं पर सहमति बनी। निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी रामचंद्र रतूड़ी और बीएस रावत के साथ गए 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगें रखीं। इसमें आईएसबीटी को रोडवेज के सुपुर्द करने, जल संस्थान व जल निगम के एकीकरण के साथ ही परिवहन निगम के बकाए के शीघ्र भुगतान के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए। आउटसोर्स कर्मियों के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार अपनी तरफ पूरी कोशिश करेगी कि उनके विनियमितिकरण की राह आसान हो सके। सरकार के रुख को देखते हुए महासंघ ने 6 सितंबर तक कार्य बहिष्कार को भी वापस ले लिया है।