देहरादून। उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था को दुरुस्त करने और पंचायतों को आधुनिक बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकार प्रदेश की 7853 ग्राम पंचायतों में से हर पंचायत को एक कंप्यूटर देने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। कंप्यूटर मिलने के बाद सभी ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत सॉफ्टवेयर लागू करना अनिवार्य होगा। वित्त आयोग की सिफारिश को राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है।
ई-पंचायत बनाने की कवायद
गौरतलब है कि चतुर्थ राज्य वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में हर ग्राम पंचायत को कंप्यूटर देने और ई-पंचायत सॉफ्टवेयर मुहैया कराने की सिफारिश की गई है। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार अब उसी के मुताबिक काम करने जा रही है। राज्य के हर ग्राम पंचायत को कम्प्यूटर मिलने के बाद ग्रामीण स्तर पर भी कामकाज मंे काफी बदलाव आएगा। यहां बता दें कि फिलहाल राज्य के ग्राम पंचायतों में कामकाज मैनुअल ही किया जा रहा है।
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सरकार देगी साॅफ्टवेयर
ग्राम पंचायतों को कंप्यूटर देने का मकसद केन्द्र के डिजिटल इंडिया अभियान को भी बढ़ावा देना है। पंचायत स्तर से इसकी शुरुआत की जा रही है लेकिन अभी इसमें कुछ वक्त लग सकता है। पंचायतों के कंप्यूटरीकरण होने से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों, परिवार रजिस्टर, निर्माण कार्यों समेत सभी योजनाओं का ब्योरा रखने में मदद मिलेगी। इस बात को ध्यान में रखकर ही राज्य वित्त आयोग ने हर ग्राम पंचायत को लेकर अपनी सिफारिश दी है। आपको बता दें कि राज्य सरकार हर पंचायत को कंप्यूटर, यूपीएस और प्रिंटर की खरीद के लिए 50 हजार रुपये देगी। इस सिफारिश के मुताबिक सरकार पंचायतों को यह सॉफ्टवेयर भी मुहैया कराएगी।