देहरादून। उत्तराखंड से एएनएम का कोर्स करने वालों के लिए बेहद निराशाजनक खबर है। प्रदेश के सरकारी और प्राईवेट दोनों नर्सिंग काॅलेजों में एएनएम की पढ़ाई अब बंद होने वाली है। इसके पहले चरण में ही नए नर्सिंग कॉलेजों को एएनएम कोर्स की मान्यता पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद अब सभी सरकारी एएनएम सेंटरों में भी इस कोर्स को बंद किया जाएगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया।
नौकरी के कम अवसर
गौरतलब है कि इस वक्त में राज्य में इस समय 6 सरकारी एएनएम सेंटर हैं जबकि 15 से अधिक प्राईवेट नर्सिंग कॉलेजों में भी यह कोर्स कराया जा रहा है। बता दें कि यहां से कोर्स करने वाले एएनएम प्रशिक्षितों को स्वास्थ्य विभाग के एएनएम सेंटर या फील्ड कर्मचारी के रूप में तैनाती दी जाती है लेकिन इस क्षेत्र में नौकरियों के अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं।
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एएनएम सेंटर में नर्सिंग कोर्स
आपको बता दें कि प्राईवेट अस्पतालों में भी अब एएनएम के लिए ज्यादा मौके नहीं हैं यही वजह है कि इस कोर्स को बंद करने का निर्णय लिया गया है। अब नए कॉलेजों को एएनएम कोर्स की मान्यता नहीं दी जा रही है। इसके बाद सरकारी एएनएम सेंटरों को भी बंद करते हुए उन्हें नर्सिंग कॉलेजों में तब्दील किया जाएगा। इन काॅलेजों में एएनएम की जगह पर जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग जैसे कोर्स संचालित किए जाएंगे।
निजी क्षेत्र में 80 प्रतिशत रोजगार
नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद युवाओं को राज्य में अभी तक शत-प्रतिशत रोजगार मिल रहा है। नर्सिंग कोर्स करने के बाद 20 प्रतिशत रोजगार सरकारी सेक्टर और 80 प्रतिशत रोजगार प्राईवेट क्षेत्र में मिल रहा है। राज्य में नए मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पताल खुलने से इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होने जा रहे हैं। इसीलिए सरकार एएनएम कोर्स को बंद कर जीएनएम और दूसरे बड़े कोर्स पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है।