देहरादून। सरकारी स्कूलों शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर अब मनमानी चलेगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सभी राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इस बात के सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, यानी कि 30 छात्रों पर 1 शिक्षक और 60 छात्रों पर 2 शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश के पिछड़े जिले ऊधमसिंह नगर के स्कूलों में छात्रों के लिए पीने का पानी, बिजली और छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था बनाने के भी निर्देश दिए हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्रकाश जावड़ेकर को बताया कि इस इलाके में छात्रों को सुविधा देने के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
गौरतलब है कि ग्र्रामीण इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति से ज्यादा उनके रसूख का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता गिरती जा रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में कई ऐसे स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या कम है और शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा कि मानकों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति होने से शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उत्तराखंड के स्कूलों में बिजली के कनेक्शन को कमर्शियल के बजाय घरेलू श्रेणी में रखने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी व्यवस्था राज्य को ही करनी पड़ेगी, ऐसा करने वाले स्कूलों के बिलों का भुगतान केन्द्र सरकार के द्वारा किया जाएगा।
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यहां बता दें कि राज्य के स्कूलों छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति का काम करने के बाद बचे शिक्षकों की पहचान की जा रही है। राज्य की शिक्षा सचिव भूपेन्द्र कौर औलख खुद इस मामले की देखरेख कर रही हैं। खबरों के अनुसार हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में छात्रों की तुलना में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है और शहरी इलाकों में छात्रों के मुकाबले शिक्षकों की संख्या काफी कम है।