देहरादून। उत्तराखंड के हर विभाग में एक के बाद एक गड़बड़झाले का खुलासा हो रहा है। इसमें कई बड़े और रसूखदारों के नाम भी सामने आए हैं। अब एक नए गड़बड़झाले में पूर्व सैनिकों के आश्रितों को नौकरी देने के लिए बनाई गई संस्था उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे पीयूष को नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी देने का मामला सामने आया है। बता दें कि पीयूष अग्रवाल को जल संस्थान में सहायक अभियंता के पद पर तैनाती मिली है।
गौरतलब है कि जब उपनल द्वारा गैरसैनिक परिवारों से जुड़े लोगों की नियुक्ति पर रोक लगा हुआ है इसके बावजूद ऐसा होने पर कई सवाल उठने लगे हैं। पहला तो यह कि ऐसा कैसे संभव हुआ? नियमों की अनदेखी क्यों की गई? फिलहाल इन सवालों का जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते उपनल और जल संस्थान के अधिकारी कोई भी जानकारी देने से इंकार कर रहे हैं।
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आपको बता दें कि पीयूष अग्रवाल की जल संस्थान के पित्थूवाला जोन में सहायक अभियंता के पद पर तैनाती के लिए पित्थूवाला जोन के अधिशासी अभियंता नमित रमोला की ओर से बीती 28 फरवरी को आदेश जारी किए गए थे। इस आदेश में पीयूष का कार्यकाल 31 मार्च 2019 तक होने की बात भी लिखी गई है। बता दें कि कांग्रेस के शासनकाल में उपनल में मनमाने तरीके से भर्तियां की गई थी। 2016 में मामला सामने आने के बाद सरकारी आदेश जारी की गैर सैनिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले लोगों की उपनल के माध्यम से भर्ती पर रोक लगा दी गई थी।
खबरों के अनुसार बेहद गुपचुप तरीके से विधानसभा अध्यक्ष के बेटे की उपनल के जरिए जल संस्थान में आउटसोर्स भर्ती की गई है। इनके साथ जल संस्थान देवप्रयाग में सहायक अभियंता के पद पर संदीप कुमार और रायपुर में सुमित कुमार को नियुक्त किया गया है। इन लोगों का भी सेना से कोई ताल्लुक नहीं है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि इन लोगों की नियुक्ति के लिए न तो कोई साक्षात्कार हुए और न ही वरीयता का ख्याल रखा गया। बड़ी बात यह भी है कि इसकी कोई सूचना भी प्रकाशित नहीं की गई। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि उनके बेटे ने इंजीनियरिंग कर ली थी और जल संस्थान में जरूरत थी इस वजह से भर्ती कर ली गई। वहीं सैनिक कल्याण बोर्ड का कहना है कि यदि कोई भर्ती नियमों से हटकर की गई है, तो उसकी जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे।