देहरादून। उत्तराखंड सरकार के साथ प्रदेश के लोगों की मुसीबतें शुक्रवार को और बढ़ सकती है। राज्य भर के करीब 23 कर्मचारी संघ के 5 लाख सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इनमें उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक और आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कर्मचारी राजधानी सहित सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आंदोलन से कई सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
गौरतलब है कि मोर्चा के मुख्य संयोजक ठाकुर प्रह्लाद सिंह और संयोजक सचिव रवि पचैरी का कहना है कि देहरादून में करीब 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी धरने में शामिल होंगे। कर्मचारी दून के अलावा सभी जिला मुख्यालयों पर भी धरना प्रदर्शन करेंगे और जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगों के संबंध में ज्ञापन भी सौपेंगे।
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यहां बता दें कि आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा का कहना है कि सरकार लगातार आदेश जारी कर कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती कर रही है। सरकार को चेतावनी देते हुए मोर्चा की तरफ से कहा गया है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे दोबारा आंदोलन करेंगे।
ये हैं प्रमुख मांगे
आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा ने सेवा काल में प्रत्येक कर्मचारी को 3 पदोन्नति का लाभ, एसीपी का लाभ, सातवें वेतनमान के समस्त भत्तों का लाभ, सार्वजनिक निगमों व उपक्रमों के कर्मचारियों को एरियर का लाभ, वेतन विसंगति का समाधान, उपनल व आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने और समान कार्य के लिए समान वेतन वेतन का लाभ, सभी कर्मचारियों को यू हेल्थ कार्ड योजना का लाभ देने की मांग की। साथ ही कार्मिकों को वाहन भत्ते का लाभ, वेतन समिति की पुनर्गठन रिपोर्ट को अस्वीकार करने, जिला पंचायत कार्मिकों को राजकीय कर्मचारी घोषित करने, वाहन चालकों की स्टाफिंग पैटर्न व्यवस्था को पूर्ववत रखने और स्थानांतरण एक्ट में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी महिला कार्मिकों को छूट देने की भी मांग की है।