देहरादून। राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके तहत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने समीक्षा बैठक के बाद कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के साथ ही वहां के शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं शिक्षा मंत्री ने अच्छे परिणाम दे रहे स्कूलों के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावकों को भी सम्मानित किए जाने की बात कही है। बता दें कि इस बार उत्तराखंड के 5 स्कूल ऐसे रहे हैं जिनके एक भी बच्चे पास नहीं हुए हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ज्यादातर स्कूलों के परिणाम बेहतर रहे हैं वहीं कई ऐसे स्कूल हैं जो लगातार अच्छे परिणाम दे रहे हैं। मंत्री ने लगातार खराब परिणाम दे रहे स्कूलों का जिक्र करते हुए कहा कि उन स्कूलों के साथ वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है।
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यहां बता दें कि उत्तराखंड बोर्ड कि इस वर्ष हुई हाईस्कूल परीक्षा में 5 स्कूल ऐसे भी रहे हैं, जहां से एक भी बच्चा पास नहीं हुआ है। इसमें राजधानी देहरादून का साधु राम इंटर कॉलेज, टिहरी गढ़वाल का जीएचएसएस बाहरपुर व पिनस्वार, चमोली का जीएचएसएस किमाणा और चंपावत का जीएचएसएस कंयूरा शामिल है। इंटरमीडिएट में किसी भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम शून्य नहीं रहा है। राज्य के चमोली जिले का जीएचएसएस किमाणा एक ऐसा स्कूल भी है जहां पिछले 3 सालों से एक भी बच्चा पास नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016, 2017 और 2018 की हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में विद्यालय से एक भी छात्र-छात्रा उत्तीर्ण नहीं हुई है। हालांकि अधिकारियों ने तर्क दिया है कि इस विद्यालय में केवल एक छात्रा थी, जो फेल हो गई।