देहरादून। राज्य के स्कूलों में तैनात शिक्षकों की मनमानी अब नहीं चलेगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने राज्य के 15 हजार से ज्यादा सरकारी बेसिक और जूनियर स्कूलों में शिक्षकों और कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। फिलहाल सिर्फ 2 हजार स्कूलों में ही बायोमैट्रिक मशीनें लगी हुई हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश के बाद महानिदेशक-शिक्षा आलोक शेखर तिवारी ने बायोमैट्रिक हाजिरी को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। जिन कार्यालय व स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीनें नहीं हैं, उनके प्रस्ताव और एस्टीमेट मांगें गए हैं।
सैलरी का निर्धारण बायोमैट्रिक के आधार पर
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग शिक्षकों और कर्मियों के तनख्वाह को बायोमैट्रिक से जोड़ने की प्रक्रिया इसी महीने से शुरू करना चाह रहा है। शिक्षा मंत्री ने 1 जनवरी को विभागीय समीक्षा में इसे कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए थे। बता दें कि अभी तक माध्यमिक स्तर पर 2200 में से अधिकांश स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीनें लग चुकी हैं। इस महीने से वेतन का निर्धारण इसी हाजिरी के आधार पर किया जाएगा।
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अमलीजामा पहनाने में मुश्किल
यहां शिक्षा मंत्री ने बायोमैट्रिक व्यवस्था को सभी अफसर, शिक्षक और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य करने का आदेश तो दे दिया है, लेकिन इस पर अमल कैसे होगा? इस ओर ध्यान नहीं दिया। गौर करने वाली बात है कि प्रदेश के कुल 15,549 बेसिक और जूनियर में से 3375 स्कूलों में बिजली का कनेक्शन तक ही नहीं है। ऐसे में इन स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीन कैसे काम करेगी, इसका जवाब अफसरों के पास भी नहीं है।