देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा द्वारा नगर निकायों के चुनाव की तैयारी तेज कर दी गई है। प्रदेश दौरे पर गए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के बाद पार्टी ने अपने सभी 23 जिला संगठन को भंग कर दिया है। अब सिर्फ 14 जिला संगठन होंगे और इन सभी संगठनों में नए सिरे से कार्यकारिणी गठित होगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने यह ऐलान किया। भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह के निर्देश पर ये कदम उठाया गया है। प्रशासनिक जिलों से तालमेल को संगठनात्मक जनपद कम किए जा रहे हैं। भट्ट ने बताया कि संगठनात्मक जनपदों की संख्या घटने से काबिल पदाधिकारियों के चयन में आसानी होगी।
संगठनों को हाईटेक करने का आश्वासन
गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक के बाद कोर ग्रुप के सदस्य जल्द नई कार्यकारिणी के साथ प्रकल्प-विभागों का गठन होगा उस समय तक मौजूदा जिला इकाइयां काम करती रहेंगी। भट्ट ने बताया, सभी संगठनात्मक जिलों को हाईटेक किया जाएगा और उनमें वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी होगी। एक संगठनात्मक अतिरिक्त जिला देहरादून से बनाए जाने की उम्मीद है।
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प्रकल्प-विभाग होंगे पुनर्गठित
भाजपा के प्रकल्प-विभाग भी पुनर्गठित होंगे और इनमें नए सिरे से नियुक्ति की जाएगी। पार्टी ने 10 प्रकल्प व 17 विभाग बनाए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रकल्प-विभागों की बैठक में नाराजगी जताते हुए प्रदेश इकाई को नए सिरे से गठन की हिदायत दी थी। खबरों के अनुसार प्रकल्प-विभागों के कई पदाधिकारी हटाए भी जा सकते हैं।
विपक्ष पर भी वार
आपको बता दें कि अजय भट्ट ने कहा कि पिछले साल भाजपा या कांग्रेस किसी भी कार्यकर्ता के खिलाफ द्वेष या राजनीति की वजह से दर्ज मुकदमे को वापस लिया जाएगा। उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्षों को इन लोगों की सूची बनाने को कहा है। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि एक बड़ी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते प्रीतम सिंह मर्यादा ध्यान रखें।
ये जिले हो गए खत्म
डीडीहाट (पिथौरागढ़), रानीखेत (अल्मोड़ा), हल्द्वानी (नैनीताल), काशीपुर (यूएसनगर), रुड़की (हरिद्वार), महानगर, पछवादून व परवादून (देहरादून), पुरोला (उत्तरकाशी), कोटद्वार (पौड़ी) और देवप्रयाग (टिहरी-पौड़ी)।