चंपावत। उत्तराखंड में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में चंपावत जिले की चारों सीटों पर मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। चंपावत, लोहाघाट, बनबसा और टनकपुर नगरपालिका सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की हार के बाद जिलाध्यक्ष रामदत्त जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अंदरूनी बगावत और भितरघात की वजह से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि रामदत्त जोशी को हिमेश कलखुड़िया की जगह पर पिछले साल ही जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया था।
गौरतलब है कि स्थानीय निकाय चुनाव में मेयर के पदों पर भाजपा को बड़ी जीत मिली है। गौर करने वाली बात है कि चुनाव से पहले ही पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे थे। पार्टी नेतृत्व की तरफ से इन बागियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 60 से ज्यादा नेताओं को निष्कासित कर दिया था।
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बता दें कि निकाय चुनाव में गुटबाजी और भितरघात के चलते भाजपा चंपावत और टनकपुर पालिका के अलावा लोहाघाट और बनबसा यानी चारों निकाय सीटें हार गई। इससे पार्टी में घमासान मचा है। भितरघात के कारण हुई हार से खफा जिलाध्यक्ष जोशी ने अपना इस्तीफा प्रदेश आला कमान को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि इस्तीफा वापस लेने का दबाव बनाने के संबंध में उनके पास पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के फोन आ रहे थे।
आपको बता दें कि जिलाध्यक्ष रामदत्त जोशी की एक ही मांग है कि भितरघात करने वालों को पार्टी से निकाला जाए। अपनी मांगों के पूरा नहीं होने पर उन्होंने अपना मोबाइल स्विच आॅफ कर दिया। बता दें कि जोशी की बातों से इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बड़े नेताओं के स्तर पर भी गुटबाजी और भितरघात किया गया है जिससे चंपावत जिले की चारों सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के बीच वह काम नहीं कर पाएंगे और इसी वजह से अपना इस्तीफा पार्टी नेतृत्व को भेज दिया है।