देहरादून। उत्तराखंड में राज्य स्तरीय विशिष्ट बीटीसी कोर्स कर नौकरी करने वाले शिक्षकों को केन्द्र सरकार ने एक झटका दिया है। केन्द्र ने साफ कह दिया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से बिना मान्यता प्राप्त वाले किसी भी संस्थान से किया गया कोर्स मान्य नहीं होगा। ऐसे में बीएड कर चुके करीब 13 हजार से ज्यादा शिक्षकों को एनआईओएस के द्वारा कराया जाने वाला ब्रिज कोर्स करना ही होगा।
मान्यता विहीन संस्थान के कोर्स अमान्य
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में इस महीने की शुरुआत में हुई बैठक में यह मामला उठाया गया था। राज्य के अफसरों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी)के अधिकारियों के सामने इस मामले को रखा था जिसमें कहा गया था कि यूपी के शिक्षकों को विशिष्ट बीटीसी को मान्यता दे दी गई थी लेकिन उत्तराखंड को नहीं दी गई। इसके जवाब में मंत्रालय ने साफ कर दिया कि जो भी कोर्स बिना एनसीटीई और एमएचआरडी से मान्यता प्राप्त संस्थान से कराया गया है वह मान्य नहीं होगा। ऐसे सभी शिक्षक अप्रशिक्षित श्रेणी में माने जाएंगे। 31 मार्च 2019 तक उन्हें भी अपनी शैक्षिक योग्यता हर हाल में पूरी करनी होगी।
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कार्रवाई की मांग
आपको बता दें कि प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री दिग्विजय सिंह चौहान ने इसे पूरी तरह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही बताया है और मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।