देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर गढ़ी कैंट बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गढ़ी कैंट बोर्ड ने करीब 2500 लोगों के नाम मतदाता सूची से काट दिए हैं। कैंट बोर्ड के इस कदम के बाद कब्जा करने वाले लोग अब न तो कैंट बोर्ड के चुनाव ही लड़ पाएंगे और न वोट कर पाएंगे। बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा था कि कैंट बोर्ड क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाए।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कैंट बोर्ड ने अपने क्षेत्र में वोटर लिस्टों का सत्यापन अभियान चलाया। कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि अभियान में करीब 2517 ऐसे लोग मिले, जिनको कैंट बोर्ड ने मकान नंबर आवंटन नहीं किया है और ये लोग अतिक्रमण कर यहां रह रहे हैं। इसके बाद इन लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। यह आदेश सभी छावनियों के लिए है। बोर्ड की इस सख्त कार्रवाई से क्षेत्र में खलबली मच गई है।
केहरी गांव और प्रेमनगर कब्जाधारियों का गढ़
आपको बता दें कि कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि वोटर लिस्ट के सत्यापन के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि सबसे ज्यादा अतिक्रमण केहरी गांव और प्रेमनगर इलाके में हुआ है। उन्होंने बताया कि केहरी गांव प्रतिबंधित क्षेत्र है इसके बावजूद यहां लोगों ने अवैध निर्माण किया है। जिनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। बताया जा रहा है कि कैंट बोर्ड ने जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे हैं उनके खिलाफ आने वाले समय में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।