देहरादून। कैलाश मानसरोवर की यात्रा को आसान बनाने के लिए सड़क निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय ने यात्रियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। मंत्रालय ने कहा कि यात्रा शुरू होने से पहले यदि लखनपुर और नजंग के बीच क्षतिग्रस्त सड़क ठीक नहीं हुई तो यात्रियों को धारचूला से हेलीकॉप्टर के जरिए बूंदी तक ले जाया जाएगा। बता दें कि इस बार 18 दल कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे और पहला दल 12 जून को दिल्ली से अल्मोड़ा पहुंचेगा।
गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की जिम्मेदारी कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को दी गई है। निगम के महाप्रबंधक टीएस मर्तोलिया ने बताया कि यदि कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने से पहले लखनपुर और नजंग के बीच क्षतिग्रस्त सड़क ठीक नहीं हुई तो यात्रियों को पिथौरागढ़ या धारचूला से हेलीकॉप्टर के जरिये बूंदी तक ले जाने का विकल्प विदेश मंत्रालय ने खुला रखा है। उन्होंने बताया कि यदि यात्रा शुरू होने से पहले नजंग तक सड़क बन जाती है तो यात्रियों को नजंग तक वाहनों से ले जाया जाएगा।
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यहां बता दें कि फिलहाल यात्रियों को चीन सीमा में पड़ने वाले लिपुपास तक करीब 102 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। हालांकि धारचूला से लखनपुर तक 45 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो गया है इससे 10 किलोमीटर आगे बूंदी पड़ता है जहां केएमवीएन का गेस्ट हाउस है। गौर करने वाली बात है कि चीन ने लिपुपास से भी आगे तक सड़क का निर्माण कर लिया है और वहां यात्रियों को वाहनों से ले जाया जाता है। केएमवीएन के महाप्रबंधक टीएस मर्तोलिया ने बताया कि भारत की तरफ से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए होम स्टे योजना के तहत नाभिढांग इलाके में मकान तैयार कर लिए गए हैं।