देहरादून। राज्य में विकास कार्यों को तेज करने के लिए केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों जैसी छूट की मांग की है। राज्य सरकार ने सीमांत क्षेत्रों में सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को विकसित किए जाने को राज्य ने पूर्वोत्तर राज्यों जैसी छूट केंद्र से मांगी है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात करने के बाद इसकी मांग की है। मंत्री ने उन्हें इसमें भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
पूर्वोत्तर जैसी छूट की मांग
गौरतलब है कि सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि जिस तरह से पूर्वोत्तर के राज्यों में अन्तरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर के भीतर निर्माण कार्य में सहयोग दिया जाता है, वैसा ही सहयोग केंद्र उत्तराखंड राज्य को दे ताकि यहां भी सीमावर्ती इलाकों का विकास किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद से हुई मुलाकात के दौरान प्रदेश में निर्माणाधीन न्यायिक भवनों के लिए प्रस्तावित धनराशि की मंजूरी का भी अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री प्रसाद द्वारा उत्तराखण्ड से संबंन्धित विभिन्न न्यायलयों के कार्यालयों व आवासीय भवनों के निर्माण से सम्बन्धित जो प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं, ऐसे प्रस्तावों को वित्तीय स्वीकृति दिए जाने का भी आश्वासन दिया है। इसके साथ ही रामनगर में न्यायिक कक्ष निर्माण, देहरादून में न्यायिक अधिकारियों के लिये बेस केम्प निर्माण, जोशीमठ ढ़करानी में सिविल जज के कार्यालय भवनों के निर्माण आदि के संबंध में भी आवश्यक धनराशि के प्रस्तावों पर सकारात्मक निर्णय शीघ्र लिये जाने का आश्वासन केन्द्रीय कानून मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को दिया है।
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विशिष्ट बीटीसी पर केंद्र से मांगी छूट
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर राज्य में विशिष्ट बीटीसी की मान्यता और शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) के तहत प्राइवेट स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर पढ़ाई कर रहे छात्रों की फीस के लंबित धन की मांग की। बता दें कि केन्द्रीय मंत्री ने भी उन्हें उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। जावड़ेकर ने आरटीई का लंबित धन के साथ ही एसएसए, रमसा और मिड डे मील के लंबित धन में से 80 करोड़ रुपये एक हफ्ते में जारी करने का आश्वासन दिया है।
राज्य में बीपीओ को विस्तार
राज्य के विकास को तेज करने के लिए यहां बीपीओ खोलने को तरजीह दी जा रही है। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्य के साथ मिलकर उत्तराखंड के अन्य शहरों में भी बीपीओ के जरिए रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। आज के दौर में विकास में तकनीक बेहद उपयोगी है।
राज्य को केन्द्रीय सहायता
राज्य को 400 बीपीओ सीट
ई अस्पताल, टेली रेडियोलॉजी
न्यायालयों का लंबित 40 करोड़ बजट