देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने प्रशासनिक अधिकारियों को काम के प्रति सुस्ती बरतने पर कड़ी फटकार लगाई है। जनता को एक पारदर्शी और स्वच्छ सरकार देने के वादे को लेकर निचली प्रशासनिक इकाइयां गंभीर नजर नहीं आ रही हैं इसका नतीजा यह हो रहा है कि जिन समस्याओं का निपटारा निचले स्तर पर होना चाहिए वह भी मुख्यमंत्री के कार्यालय तक पहुंच जा रही है। इस पर नाराज मुख्यमंत्री ने अब सभी जिलाधिकारियों को प्रत्येक सोमवार को पूरे कार्यदिवस में जिला स्तर पर शिकायत निवारण शिविर आयोजित करने का फरमान जारी किया है।
स्थानीय शिकायतों पर नाराज सीएम
गौरतलब है कि सरकार की तरफ से मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। शासनादेश में जिलाधिकारियों को हर सोमवार को सुबह दस बजे से कार्य समापन की अवधि तक अनिवार्य रूप से शिकायत निवारण शिविर लगाने को कहा गया है। इस शिविर में स्थानीय समस्याओं को फौरन निपटाने के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि सरकार की ओर से तहसील और जिला स्तर पर ही शिकायतों को अनिवार्य रूप से निस्तारित करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। कुछ समय से सरकार को मिल रही स्थानीय शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।
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जिलाधिकारियों को निर्देश
आपको बता दें कि मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इसे सही नहीं माना और जिलाधिकारियों को स्थानीय स्तर की समस्याओं के समाधान के लिए शासन द्वारा जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों पर अमल करने को कहा है।