देहरादून। ऐसा लग रहा है कि आने उत्तराखंड में शासन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार ने एनसीईआरटी के किताबों की छपाई के मामले में अपने कदम वापस खींच लिए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किताबों के लिए कागज की खरीद और छपाई का काम अलग-अलग कंपनियों को देने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने कागज और छपाई वाले आदेश को पलट दिया। सीएम के इस आदेश को विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने कागज की खरीद और छपाई का काम एक ही कंपनी को दिया था।
एक ही कंपनी को काम
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी को एक समान शिक्षा दिलाने के मकसद से सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें चलाने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में भी इसके लिए पहल शुरू कर दी गई है। शिक्षा मंत्री ने किताबों की छपाई और कागज की खरीद का काम एक ही कंपनी को देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पूर्व शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने 17 अक्टूबर को एक ही फर्म को दोनों काम करने को जीओ जारी कर दिया था। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी मंत्री के फैसले से खुश नहीं थे।
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नए टेंडर होंगे
आपको बता दें कि अब मुख्यमंत्री ने कागज और छपाई का काम अलग-अलग कंपनियों को देने के निर्देश दिए हैं। अब कागज की खरीद और छपाई के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किए जाएंगे। शिक्षा सचिव डॉ. भूपेंद्र कौर औलख ने इसके आदेश कर दिए हैं। सीएम के इस आदेश को शिक्षा मंत्री के लिए एक झटका माना जा रहा है। बता दें कि सरकार अगले सत्र से राज्य में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का निर्णय लिया है।