देहरादून । प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को कहा कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड भारतीय फिल्म जगत की नई डेस्टीनेशन बनेगी। इससे जहां एक ओर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं देवभूमि के युवाओं को फिल्म निर्माण संबंधी तकनीकी जानकारियां प्राप्त होंगी। रिंग रोड स्थित सूचना भवन में पांच दिवसीय फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक पल करार देते हुए एफटीआई पुणे का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास होगा कि इस तरह के कोर्स राज्य के हर जिले में आयोजित किए जाएं।
शूटिंग का शुल्क पूरी तरह हटाया
पीएम मोदी ने इस दौारन कहा कि फिल्म शूटिंग से राज्य में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष बड़ी संख्या में रोजगार प्राप्त होता है। फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने शूटिंग का शुल्क पूरी तरह से हटा दिया है। एफटीआई के सहयोग से आयोजित कोर्स से राज्य के युवाओं को फिल्म निर्माण संबंधी तकनीकी जानकारियां प्राप्त होंगी। इससे यहां फिल्म निर्माताओं को दक्ष लोग भी मिलेगा। राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अनुकूल माहौल है। यहां लॉ एंड आर्डर की बेहतर स्थिति है। सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड के नैसर्गिक सौंदर्य को फिल्मों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए।
उत्तराखंड में पहली बार कार्यशाला
महानिदेशक सूचना/मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिल्म विकास परिषद डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि सीएम रावत की पहल पर उत्तराखण्ड में पहली बार इस तरह की कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। एफटीआई पुणे व उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 6 से 10 जून तक सूचना भवन, रिंग रोड में आयोजित 5 दिवसीय कार्यशाला में युवाओं को एफटीआई पुणे से आए विशेषज्ञों द्वारा फिल्म विधा से जुड़ी बारीकियों की जानकारी दी जाएगी।
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अल्मोड़ा-टिहरी में भी कराए जाएंगे कोर्स
डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि जल्द ही अल्मोड़ा और टिहरी में भी ऐसे कोर्स कराए जाएंगे । इसके अलावा देहरादून में जुलाई, 2018 में पटकथा लेखन कोर्स भी कराया जाएगा। साथ ही अभिनय, डिजिटल छायांकन, डिजिटल फिल्म प्रोडक्शन, टीवी धारावाहिक के लिए काल्पनिक लेखन, स्टिल फोटोग्राफी कोर्स के साथ ही छोटे बच्चों के लिए फिल्म मेकिंग और अभिनय संबंधी कोर्स भी तैयार किये गये है। फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स के प्रति युवाओं में काफी उत्साह है। पहली बार आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभाग के लिए कुल 126 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
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इंडस्ट्री को तकनीकी रूप से दक्ष लोग मिलेंगे
इस दौरान एफटीआई के निदेशक भूपेंद्र कैंथोला ने कहा कि इस कार्यशाला से राज्य में फिल्म निर्माताओं को तकनीकी रूप से दक्ष मेन पावर उपलब्ध होगा। हालांकि इसके लिए अभी काफी कुछ किए जाने की आवश्यकता है। इस समय जरूरत इस बात की भी है कि राज्य के युवा सिनेमा को भी एक रोजगार की तरह देखें। उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। हाल ही में राज्य को फिल्म फ्रेंडली राज्य का अवार्ड मिला था।
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