नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार केन्द्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की पूरी कोशिश कर रही है। शहरी विकास विभाग के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री मदन कौशिक ने केन्द्र की योजना स्मार्ट सिटी प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अमृत योजना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लिए मुख्य सचिव ने सभी जिलों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की।
गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को शहरों में स्वच्छता बनाए रखने को प्राथमिकता बनाने को कहा है। उन्होंने इसके लिए स्वच्छता कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों एवं सुपरवाइजरों की जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिए हैं। अगर उनका प्रदर्शन खराब हो तो उनकी चरित्र पंजिका से लिंक किया जाय। यहां बता दें कि सीएम ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्यटन प्रदेश है और यहां आने वाले पर्यटक अपने दिल में राज्य की एक अच्छी छवि लेकर वापस जाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं का असर धरातल पर दिखना चाहिए। सभी प्रयासों का आउटकम(परिणाम) क्या निकला, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। जनता को परिणाम दिखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनता की समस्याओं को चिन्हित कर उसे तत्काल निपटाने के लिए अलग से एक सिस्टम बनाया जाय। इसके साथ ही अवैध तरीके से किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जानी चाहिए।
यहां गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित गतिविधियों में कुछ गतिविधियों को चिन्हित कर उनपर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित कर काम करने पर जोर दिया है। सीएम ने कहा कि अगर स्मार्ट सिटी के लिए क्षेत्रफल बढ़ाने की जरूरत हो तो उसका एक प्रस्ताव बनाया जाए। भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने कहा कि स्मार्ट सिटी कम्पनी को पूरी फ्लेक्सिविलिटी है और औचित्यपूर्ण प्रस्ताव पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा।
ये भी पढ़ें - जनभागीदारी से दून होगा स्वच्छ और खूबसूरत, 19 मई से शुरू होगा ‘मिशन रिस्पना’
सड़कों की बार-बार खुदाई और टूटने पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा विद्युत तार, पेयजल लाईन, सीवर, टेलीफोन आदि हेतु सड़कों की खुदाई कर दी जाती है लेकिन इसे ठीक नहीं किया जाता है। ऐसे में सड़क को टूटने से रोकने के लिए सभी मुख्य मार्गों पर परमानेंट डक्ट बनाने पर विचार किया जाए। इस डक्ट में समय-समय पर आवश्यकतानुसार तारें-लाइनें डाली जा सकती हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को इस दिशा में व्यापक विचार-विमर्श करने के निर्देश भी दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी)
मुख्यमंत्री ने मार्च 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु एक लाख 4971 लाभार्थियों को आवास अनुमन्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गरीब को घर देना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री का सपना है कि साल 2022 तक सबके लिए आवास के संकल्प को पूरा किया जाए। सीएम ने कहा कि यदि इस दिशा में मौजूदा आवास नीति में कोई प्रावधान आड़े आ रहे हो तो नीति में संसोधन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैंकों से छोटी-छोटी कमियों पर आवेदन निरस्त किये जाने की बात पर संवेदनशील रुख अपनाने को कहा।
अमृत मिशन
मुख्यमंत्री ने शहरी परिवारों को जलापूर्ति सीवरेज, ड्रेनेज तथा शहरी परिवहन उपलब्ध करने हेतु चलाई जा रही अमृत योजना की समीक्षा भी की। उन्होंने भारत सरकार से इस योजना से कुछ नये शहरों को शामिल करने का अनुरोध करने हेतु प्रस्ताव बनाने को कहा। वर्तमान में देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूड़की, रूद्रपुर, काशीपुर तथा नैनीताल 07 मिशन शहर इस योजना में हैं। बताया गया कि 593 करोड़ रूपये की कुल 138 योजनाओं के सापेक्ष 80 की डीपीआर मंजूर हो गई है तथा कार्य प्रगति पर है। शेष 58 योजनाओं में डीपीआर मंजूरी का कार्य अथवा शासनादेश निर्गत होने का कार्य लंबित है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि डीपीआर मंजूरी से लेकर कार्यपूर्ण होने तक हर एक चरण की माॅनिटरिंग करें। केन्द्र सरकार को जो भी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजना है उसे समय पर भेजें।
बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री ने जनपदों में जलापूर्ति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने वनों की आग की घटनाओं को रोकने के लिए भी विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी। प्रधानमंत्री ने 2022 तक जिस न्यू इंडिया का लक्ष्य रखा है इस हेतु सभी को आगे आना होगा। राज्य सरकार के विजन 2020 के लिये भी जिलाधिकारी काम करें।