देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने 70 में से 63 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इसमें 6 कैबिनेट मंत्रियों के साथ 23 विधायकों को टिकट दिया गया हैै। पार्टी ने इस बार अपने ज्यादा उम्र के विधायक सुन्दरलाल मंद्रवाल को टिकट नहीं दिया है। कांग्रेस ने पंजाब की तर्ज पर एक परिवार एक टिकट के फाॅर्मूले पर ही आगे बढ़ी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कुमाऊं और गढ़वाल दोनों मंडलों से चुनाव मैदान में उतरेंगे। वे हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने बागी नेताओं पर भी अपना भरोसा जताया है।
टिकट बंटवारे में हरदा पड़े भारी
गौरतलब है कि प्रत्याशियों के चयन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बजाय मुख्मंत्री हरीश रावत की ही ज्यादा चली। किशोर उपाध्याय को टिहरी की जगह देहरादून जिले की सहसहपुर सीट से टिकट दिया गया है। वहीं प्रदेश में पार्टी की सहयोगी पार्टी प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के दो विधायकों को भी टिकट दिया है। आपको बता दें कि पार्टी ने नए शामिल हुए नेताओं पर भी भरोसा जताया है और उन्हें भी टिकट दिया है।
नाराज कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
पार्टी ने अपनी सूची तो जारी कर दी लेकिन इससे कुछ विधायक असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने पार्टी कार्यालय में जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं में इतनी नाराजगी थी कि उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पोस्टर तक फाड़ डाले। बवाल के चलते दफ्तर को काफी देर तक बंद करना पड़ा।
बीजेपी को देगी करारा जवाब
आपको बता दें कि बीजेपी ने पहले ही अपने 64 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। बीजेपी को करारा जवाब देने के लिए पार्टी ने इंतजार के बाद अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की। पार्टी में बगावत का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां आपको यह भी बता दें कि नामांकन भरने के दो दिन बीत चुके हैं। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश की सात सीटों रायपुर, टिहरी, धनोल्टी, सोमेश्वर, बागेश्वर, जसपुर और गदरपुर पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया गया है। इस बार पार्टी ने पिछले साल सरकार पर संकट मंडराने के दौरान साथ खड़े हुए भाजपा के दो बागी पूर्व विधायकों भीमलाल और दान सिंह भंडारी को उनकी सीटों से ही दिया है। भाजपा के अन्य बागियों में सुरेशचंद जैन को रुड़की, सुनीता बाजवा को बाजपुर, शैलेंद्र सिंह रावत को यमकेश्वर और राजकुमार को पुरोला से टिकट दिया है।