देहरादून। टिहरी झील में हुई उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट मीटिंग से भाजपा कार्यकर्ता जहां खुश हैं वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने 4 करोड़ रुपये वाली फ्लोटिंग बोट पर हुई मीटिंग को मौजमस्ती और फोटो सेशन करार दिया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सूरज राणा ने टिहरी झील में बैठक के आयोजन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध प्रभावित और विस्थापितों की समस्याओं के समाधान पर किसी तरह का कोई विचार नहीं किया गया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट मीटिंग पहली बार राजधानी के बाहर टिहरी झील में आयोजित की गई थी। इस मीटिंग में राज्य के विकास के लिए कई फैसले लिए गए लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे महज मौजमस्ती और फोटो सेशन कराने वाला आयोजन बताते हुए भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि इस बैठक में टिहरी बांध प्रभावित 17 गांव के 415 परिवारों और पुरानी टिहरी विस्थापितों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सूरज राणा ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से 13 सूत्रीय मांगों का एक पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा था लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया गया।
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यहां बता दें कि कांग्रेस ने कहा कि टिहरी में कैबिनेट का आयोजन होने से लोगों को काफी उम्मीदें थी लेकिन सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। कांग्रेस के नेता शांतिप्रसाद भट्ट ने कहा कि भाजपा के मंत्री, विधायकों, कार्यकर्ताओं ने टिहरी झील में कैबिनेट बैठक के नाम पर मौजमस्ती कर फोटो सेशन करवाया। कांग्रेस के नेताओं ने सरकार से बांध प्रभावितों का विस्थापन, हनुमंत रावत कमेटी की सिफारिशों पर नई टिहरी में मुफ्त पानी, बिजली उपलब्ध कराने सहित जनहित के 15 कार्य पूरे नहीं करने पर सरकार से इस्तीफे की मांग की है।