देहरादून। उत्तराखंड में हुए निकाय चुनाव में मेयर के पदों पर भले ही भाजपा का दबदबा रहा हो वहीं पार्षद पदों पर निर्दलीय उम्मीदवारों का वर्चस्व रहा है। खबरों के अनुसार इन निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या अब कम होने वाली है क्योंकि इसकी जगह कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान आंतरिक कलह से बचने के लिए कई जगहों पर उम्मीदवारों को अंतिम समय तक चुनाव चिन्ह दिया ही नहीं गया था। अब पार्टी के द्वारा बतौर निर्दलीय जीते उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा रही है और जल्द ही उसे प्रकाशित किया जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस के साथ भाजपा ने भी इन निर्दलीय उम्मीदवारों पर अपना हक जताना शुरू कर दिया है। हालांकि भाजपा के द्वारा सूची जारी करने पर अभी संदेह बना हुआ है। बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी तक 1064 में से 1063 निर्वाचित वार्ड सदस्यों की सूची जारी की है। चमोली जिले के पोखरी नगर पंचायत के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं। वहां पर एक वार्ड के लिए दोबारा से मतदान कराया जा रहा है। इस निकाय के वार्ड सदस्यों के लिए भी पार्टी ने चुनाव चिन्ह नहीं दिए हैं। वार्ड सदस्यों के घोषित नतीजों के बाद पूरे प्रदेश में जो स्थिति बनी है, उसमें 551 निर्दलीय जीते हैं।
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यहां बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के 323 वार्ड सदस्यों को जीत मिली है जबकि कांग्रेस को 181 सीटों पर विजय हासिल हुई है। वार्ड सदस्यों के तौर पर बसपा को 4, आम आदमी पार्टी के 2 और सपा और यूकेडी के सदस्यों को 1-1 सीट पर जीत हासिल हुई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने आंतरिक कलह से बचने के लिए करीब 49 उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किए थे। अब परिणाम आने के बाद कांगे्रस ने बतौर निर्दलीय विजयी हुए उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में जुट गई है जिसे जल्द ही घोषित किया जाएगा।