नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने कोर्ट की अवमानना के आरोप में उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य तथा वित्त को अवमानना नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी। बता दें कि अदालत के आदेश को न मानने के लिए बागेश्वर के पान सिंह बिष्ट, लोकमणि पाठक व भवानी दत्त जोशी ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई एकलपीठ ने की है।
यूपी का स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार
गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि वे स्वास्थ्य विभाग में बतौर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक तैनात थे और साल 2010 में वे सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 1 जनवरी 1995 से 30जून 2010 तक का वास्तविक पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया। उनकी पेंशन का पुनर्निर्धारण भी नहीं हुआ। उनका कहना है कि चूंकि यह मामला उत्तराखंड के उत्तरप्रदेश से अलग राज्य बनने के पहले का है ऐसे में उत्तरप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी जिम्मेदार है।
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प्रमुख सचिवों को नोटिस
आपको बता दें कि कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 11 अप्रैल, 31 जुलाई और 6 सितंबर 2017 को इससे जुड़े आदेश पारित किए थे जिसमें याचिकाकर्ताओं के पुनरीक्षित वेतनमान और पेंशन प्रकरणों पर दोनों प्रदेशों के स्वास्थ्य एवं वित्त विभाग को 10 सप्ताह में फैसला लेने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि संबंधित विभागों ने आदेश का पालन नहीं किया। अब पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने उत्तराखंड व यूपी के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और प्रमुख सचिव वित्त को अवमानना नोटिस जारी किया है।