देहरादून। खतरनाक ब्लू ह्वेल गेम उत्तराखंड में भी बच्चों को अपनी गिरफ्त में लेते जा रहे हैं। देहरादून में भी इस खतरनाक खेल के तीन नए मामले सामने आए हैं। दो मामले पटेलनगर थाना क्षेत्र में स्थित एक ही स्कूल के हैं जबकि एक मामला केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र का है। स्कूल के प्रिंसीपल ने दोनों छात्रों के अभिभावकों को बुलाकर मामला समझाया और काउंसिलिंग के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ ही स्कूल भेजने को कहा है।
छात्र ने काटी नस
गौरतलब है कि पटेलनगर थाना क्षेत्र के एक पब्लिक स्कूल में सातवीं के छात्र ने स्कूल में ही अपने हाथ की नस ब्लेड से काट ली। छात्र के हाथ से खून निकलता देख दूसरे छात्रों ने इसकी सूचना काॅर्डीनेटर को दी इसके बाद मामला प्रिंसीपल तक पहुंचा। इसी स्कूल में 10वीं का एक छात्र को भी उसके दोस्तों ने ब्लू ह्वेल गेम खेलते हुए पाया था। इस घटना के बाद प्रिंसिपल ने दोनों छात्रों के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर सारा मामला बताया। स्कूल ने दोनों बच्चों की काउंसिलिंग के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही स्कूल आने को कहा है।
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अभिभावक नजर रखें
आपको बता दें कि एक अन्य घटना में एक केंद्रीय विद्यालय में 10वीं का छात्र भी ब्लू ह्वेल गेम खेलने का आदी पाया गया। बताया जाता है कि छात्र को उसकी ट्यूशन टीचर ने सबसे पहले मोबाइल पर खतरनाक गेम खेलते हुए पकड़ा। इसके बाद उन्होंने अभिभावकों को सूचना दी। जानकारी स्कूल को मिली तो स्कूल ने छात्र को अभिभावकों की निगरानी में सौंप दिया है। मनोचिकित्सक का कहना है कि अभिभावकों को बेवजह बच्चों को मोबाइल नहीं देना चाहिए। ब्लू व्हेल गेम अवसादग्रस्त बच्चों को जल्दी आकर्षित करता है, बच्चों के व्यवहार पर माता-पिता जरूर नजर रखना चाहिए।