Saturday, April 20, 2024

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पुलवामा हमला- उत्तराखंड के मोहनलाल रतूड़ी और वीरेंद्र राणा ने भी दिया सर्वोच्च बलिदान , अंतिम संस्कार के लिए शवों का इंतजार

अंग्वाल न्यूज डेस्क
पुलवामा हमला- उत्तराखंड के मोहनलाल रतूड़ी और वीरेंद्र राणा ने भी दिया सर्वोच्च बलिदान , अंतिम संस्कार के लिए शवों का इंतजार

देहरादून । पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद उत्तरकाशी के बनकोट गांव निवासी CRPF जवान मोहन लाल रतूड़ी के देहरादून स्थित घर पर परिजनों और रिश्तेदारों समेत आस-पड़ोस के लोगों का जमावड़ा लग गया है। देहरादून के कांवली रोड स्थित एमडीडीए कॉलोनी निवासी शहीद मोहनलाल रतूड़ी की पत्नी को अभी तक पति के शहीद होने की जानकारी नहीं लगी है, जबकि परिजनों का कहना है कि उनकी हिम्मत नहीं हो रही है कि वह इस बात की जानकारी उनकी पत्नी को दें। वहीं खटीमा निवासी वीरेंद्र सिंह राणा भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। वह 45वीं बटालियन में सिपाही थे। बहरहाल, अभी परिजन अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं।

बता दें कि पुलवामा हमले में शहीद देहरादून में कांवली रोड स्थित एमडीडीए कॉलोनी निवासी मोहनलाल रतूड़ी अपने परिवार के साथ रहता था। परिवार में उनके चार बच्चे और पत्नी हैं, लेकिन अभी परिजनों को घटना की जानकारी के बारे में पता नहीं चल पाया है। मोहनलाल के दामाद सर्वेश नोटियाल ने बताया कि सीआरपीएफ के कमांडर का आज सुबह 8 बजे फोन आया था, जिन्होंने शहीद होने की जानकारी दी। उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए जगह के बारे में पूछा था लेकिन अभी परिवार के लोग आ रहे हैं, उनसे पूछकर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। 

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मोहनलाल के दामाद सर्वेस का कहना है कि मेरी हिम्मत नहीं हो रही है कि मैं घर में इस सूचना के बारे में किसी को कुछ बता पाऊं, लेकिन भीड़ देखकर अब उन्हें अंदेशा होने लगा है। कुछ देर बाद वह खुद ही समझ जाएंगे, परिवार के अन्य लोगों को बता दिया गया है, वे लोग आ रहे हैं। 

वहीं शहीदों में खटीमा निवासी वीरेंद्र सिंह राणा भी हैं , जो सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में सिपाही थे। राणा खटीमा के मोहम्मदपुर भूरिया गांव के रहने हैं ।

उनकी शहीद होने की खबर सुनने के बाद परिजनों का बुरा हाल है। वीरेंद्र अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में भी उनकी पत्नी के अलावा एक छोटा बेटा और बेटी है।

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