देहरादून । राजधानी में एक बड़े किडनी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने डोईवाला के लालतप्पड़ स्थित उत्तरांचल डेंटल कॉलेज में चल रहे इस रैकेट का पर्दाफाश करते हुए इस गैंग से जुड़े 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। सूचना है कि इनमें से कुछ लोग अपनी किडनी बेचकर वापस जा रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार, लोगों की किडनी निकालने और बेचने का काम देहरादून में होता था, जबकि किडनी बेचने वालों को उनका पैदा दिल्ली में जाकर दिया जाता था। इस किडनी रैकेट का मास्टमाइंड डॉ. अमित रावत पुलिस की कार्रवाई की सूचना पाकर फरार हो गया है। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए दबिश की कार्रवाई जारी कर दी हैं। वहीं घटनास्थल से विदेश के कुछ हवाई टिकट भी मिले हैं, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है इस रैकेट के तार अंतरराष्ट्रीय गैंगों से जुड़े हैं।
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बता दें कि पुलिस को मिली गुप्त सूचना के बाद एक टीम ने रैकेड का भंडाफोड़ करने की रणनीति बनाई। सूचना थी कि लालतप्पड़ स्थित उत्तरांचल डेंटल कॉलेज इस किडनी रैकेट का अड्डा था। इस रैकेट का मास्टर माइंड डाक्टर अमित रावत है। ऐसे में पुलिस ने डेंटल कॉलेज के बाहर निगरानी तेज कर दी। पुलिस टीम कॉलेज में किडनी बेचने आने वालों का इंतजार करने लगी। इस दौरान शक के आधार पर पुलिस ने एक सप्तऋषि चौकी के पास एक इनोवा कार को रोका। कार में पांच लोग सवार थे। इन पांचों से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने सच उगल दिया। सामने आया कि पांचों इस रैकेट से जुड़े हैं।
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खुलासा हुआ कि इनमें से दो लोग तो अपनी किडनी बेचने आए थे, जबकि दो अपनी किडनी बेच चुके थे। वहीं पांचवां आदमी जावेद निकला, जो इन लोगों को यहां लेकर आया था। पूछताछ में सामने आया कि जिन दो लोगों की डेंटल अस्पताल में किडनी निकाली गई थी उन लोगों को तीन-तीन लाख रुपये देने की बात कही गई थी, लेकिन उनकी रकम नहीं मिलने पर अन्य दो लोगों ने किडनी बेचने से मना कर दिया।
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बहरहाल, इन लोगों की गिरफ्तारी की सूचना पाकर इस रैकेड के मास्टमाइंड डा अमित रावत को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस को वह नहीं मिला। इस दौरान डेंटल कॉलेज में डॉ. रावत के कमरे से ओमान के टिकट मिले हैं। इस सब के चलते आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस रैकेट के तार अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेड से हो सकते हैं। बहरहाल पुलिस ने अमित रावत की धरपकड़ के लिए दबिश देना शुरू कर दिया है।