नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए उत्तराखंड की डायट से ही डीएलएड की बाध्यता को असंवैधानिक बताया है। कोर्ट ने कहा है कि दूसरे प्रदेशों से डीएलएड करने वाले भी प्राथमिक शिक्षक के पात्र होंगे। बता दें कि अल्मोड़ा के एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
शिक्षाधिकारी की विज्ञप्ति को चुनौती
गौरतलब है कि अल्मोड़ा के हरीशचंद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि वह वाणिज्य से स्नातक हैं और दिल्ली से दो वर्षीय डीएलएड कर चुके हैं और 2011 में वह सीटीईटी भी पास कर चुके हैं। ऐसे में वह नियमानुसार प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए योग्य हैं। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने ऊधमसिंह नगर के जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) द्वारा पिछले साल 4 अगस्त एवं जिला शिक्षा अधिकारी(बेसिक) नैनीताल द्वारा पिछले साल 21 अगस्त को जारी विज्ञप्ति को चुनौती दी थी।
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याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला
यहां यह भी बता दें कि हरीशचंद ने कोर्ट को यह भी बतताया कि सरकार उन लोगों को ही योग्य मान रही है जिन्होंने प्रदेश के डायट से दो सालों की बीटीसी या डीएलएड किया हो। याचिका में कहा गया है कि राज्य के बाहर से डीएलएड करने वाले को प्रदेश सरकार द्वारा अयोग्य मानना शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया। एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए योग्य करार देते हुए सरकार को आदेश दिया कि वह याचिकाकर्ता को पात्र माने।