देहरादून। राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। एसआईटी के द्वारा अधिकारियों के नाम की संस्तुति करने के बाद भी शिक्षा विभाग की तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। उनकी फाइलों को विभाग ने ही दबा दिए। बता दें कि सरकार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे।
सरकार के निर्देश
गौरतलब है कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में शिक्षकों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी दी गई थी। इसमें विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की बातें भी सामने आई थी। इस मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा करने के बाद एसआईटी ने नियुक्ति अधिकारी और दस्तावेजों का सत्यापन और रख-रखाव वालों को भी जिम्मेदार माना है। राज्य सरकार ने इस गड़बड़झाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे।
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विभाग ने नहीं किया मुकदमा दर्ज
आपको बता दें कि एसआईटी ने हर्रावाला स्थित अशासकीय जूनियर स्कूल, हरिद्वार के 12 राजकीय प्राथमिक स्कूल, नेहरू जूनियर विद्यालय, ऊधमसिंहनगर आदि के फर्जी शिक्षकों के मामले में दी गई मुकदमे की संस्तुति में तत्कालीन अधिकारियों को भी जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमे के साथ विभागीय जांच की रिपोर्ट दी गई है लकिन अब तक डोईवाला, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में हुए मुकदमों में एक भी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। एसआईटी द्वारा संलिप्त अधिकारियों के नाम उजागर करने के बाद विभाग का कोई नहीं करना बड़े गड़बड़झाले की ओर इशारा कर रहा है।