देहरादून। राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों और अर्द्धसैनिकों के आश्रितों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार अब इन्हें सरकारी सेवा में नौकरी देगी। त्रिवेंद्र रावत सरकार ने बाकायदा कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। सरकार के इस फैसले का लाभ सिर्फ राज्य के शहीदों के आश्रितों को ही मिलेगा। बता दें कि भराड़ीसैंण विधानसभा में हुई कैबिनेट बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है। सरकार ने शहीद सैनिक, अर्धसैनिक आश्रित सरकारी सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि इस नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद शहीद सैनिक, अर्द्धसैनिकों के आश्रितों को सरकारी सेवा का लाभ मिल सकेगा। उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में मठ, मंदिर, आश्रम, धर्मशाला और अखाड़ों के व्यवसायिक टैक्स पर भी अहम फैसला लिया। इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। ऐसे मठ, मंदिर व आश्रम जहां नियमित पूजा होने के साथ ही पुजारी व संत निवास रहते हैं उन्हें टैक्स से पूरी तरह माफ कर दिया गया है। इन पर किसी तरह का हाउस टैक्स नहीं लगेगा।
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यहां बता दें कि सरकार की ओर से कहा गया है कि ऐसे आश्रम और धर्मशाला जहां से व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होती हैं, उनसे पूरी तरह व्यावसायिक टैक्स वसूला जाएगा। इसके साथ ही उन धर्मशालाओं मंे जहां सिर्फ सामान्य यात्री ठहरते हैं उनसे आवासीय दरों पर सिर्फ सामान्य हाउस टैक्स ही वसूला जाएगा। इसका लाभ हरिद्वार, ऋषिकेश, यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, देवप्रयाग समेत चार धाम रुट के मठ, मंदिर, आश्रम और धर्मशालाओं को मिलेगा।कैबिनेट के एक अन्य फैसले में सरकार ने प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे चिट-फंड कारोबार पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। अब इस कारोबार के लिए चिट्स एवं फंड सोसाइटी में पंजीकरण के साथ ही जिलों में जिलाधिकारी को भी कारोबार की सूचना देनी होगी। हर 3 महीने के अंदर नियमित रूप से कारोबार की रिपोर्ट जिलाधिकारी को देनी होगी। राज्य की विकास योजनाओं में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाने लिए उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन किया गया है। अब 5 करोड़ तक के कारोबार में स्थानीय लोगों की भूमिका अनिवार्य कर दी गई है।