देहरादून। उत्तराखंड स्थित भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से पहले ही पूरी तैयारियां कर ली गई थीं। कपाट बंद होने के बाद भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर चुकी है और रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 11 नवंबर को यह डोली अपने शीतकालीन पूजा स्थल में विराजमान होगी।
गौरतलब है कि भगवान केदारनाथ को 11वां ज्योर्तिलिंग माना गया है। भाई-दूज के मौके पर केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि सुबह 4 बजे से ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई थी। पूजा के बाद स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रुप देते हुए विशेष पूजा के साथ लिंग को भष्म से ढक दिया गया।
ये भी पढ़ें - बाबा केदार के दर्शन करने उत्तराखंड पहुंचे पीएम, पूजा-अर्चना के बाद हर्षिल के लिए होंगे रवाना
बता दें कि परंपरा के अनुसार भगवान को भोग लगाने के बाद बाबा केदार की मूर्ति को मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया। सभी धार्मिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद मंदिर की चाबी प्रशासन और बद्री-केदार मंदिर समिति के अधिकारियों की मौजूदगी में उपजिलाधिकारी ऊखीमठ गोपाल सिंह चैहान को सौंप दी गई।