देहरादून। राज्य में हो रही बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में करीब 111 संपर्क मार्ग रास्ते पर मलबा आने से पूरी तरह से बंद हो गए हैं। रास्तों के बंद होने से यहां रहने वाले ग्रामीणों की दिक्क्तें बढ़ गई हैं। भारी बारिश से पिथौरागढ़ जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में छह भवनों को नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के कारण गोमुख पैदल ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं भोजवासा के पास भारी बारिश के कारण तीन छोटे-छोटे पुल बह जाने से करीब 150 कांवड़िए फंस गए हैं।
रेस्क्यू में जुटी एसडीआरएफ
गौरतलब है कि राज्य में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। इससे कांवड़ यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश से गोमुख के करीब भोजवासा में पुलिया के बह जाने से करीब 150 कांवड़ियों का दल फंस गया है। बता दें कि ये कांवड़िए गोमुख से गंगाजल लेकर वापस लौट रहे थे। एसडीआरएफ की टीम भोजवासा में फंसे इन कांवड़ियों को रेस्क्यू कर रही है।
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पर्वतारोहियों की बढ़ी मुश्किलें
यहां बता दें कि इस रूट पर कई पर्वतारोही और ट्रैकर भी जाते हैं, पुलिया के बह जाने से पर्वतरोहियों के लिए भी मुश्किलें पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी है कि अगले 24 घंटे उत्तराखंड के कई जिलों में तेज बारिश होने की संभावनाएं है।
पानी का तेज बहाव
आपको बता दें कि भारी बारिश की वजह से राज्यभर में नदी-नाले उफान पर हैं और पानी का वेग लोगों को डरा रहा है। भागीरथी, काली, गोरी, रामगंगा और सरयू नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यहां रास्ते हैं बंद
हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जनपदों को छोड़कर सभी जिलों में पर्वतीय क्षेत्रों में संपर्क मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़ व चमोली में 20-20, रुद्रप्रयाग में 19, देहरादून में 12, पौड़ी में 10, टिहरी में 9, बागेश्वर में छह, चंपावत में पांच, उत्तरकाशी में चार, अल्मोड़ा व नैनीताल में तीन-तीन संपर्क मार्ग बंद रहने से इनसे जुड़े गांव अलग-थलग पड़े हैं।