देहरादून। सातवें वेतनमान की मांग करने वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार ने उनका तोहफा दे दिया है लेकिन अब सातवें वेतनमान की सिफारिश कुछ विभागों के लिए मुसीबत बन गई है। उत्तराखंड के बिजली कर्मचारियों सातवें वेतनमान में बड़ा नुकसान हो रहा है। अभी तक सिर्फ कर्मचारी संगठन सातवें वेतनमान की विसंगतियों पर सवाल उठा रहे थे। अब इन विसंगतियों पर शासन स्तर से गठित समिति ने भी मुहर लगा दी है। बता दें कि सातवें वेतनमान की नई पे मेट्रिक्स से ऊर्जा के 45 प्रतिशत कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है। इसकी वजह यूपी के समय से मिल रहा अतिरिक्त भत्ता को माना जा रहा है।
कर्मचारियों को नुकसान
तीनों निगमों में कुल 6307 कर्मचारी हैं। इसमें करीब तीन हजार कर्मचारियों को वेतन में नुकसान हो रहा है। सबसे अधिक कर्मचारी 3077 ऊर्जा निगम में है। यूजेवीएनएल में 2500 व पिटकुल में 730 कर्मचारी हैं। ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मचारियों को यूपी के समय से ही अतिरिक्त वेतन मिलता रहा है। कई संवर्गो में ऐसे वेतनमान तय हैं, जो दूसरे विभागों में नहीं हैं। सातवें वेतनमान में एकरुपता लाने को वित्त विभाग ने समान पे मेट्रिक्स लागू की जिसकी वजह से बिजली कर्मचारियों के वेतन कम हो गए। इस वजह से कर्मचारियों को हर महीने करीब 100 रुपये से लेकर 3 हजार रुपये तक का नुकसान हो रहा है। अब समिति ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और समिति की रिपोर्ट को परीक्षण के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया गया है।
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