देहरादून। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निगमों के एकीकरण को एक झटका लगा है। अराजपत्रित पर्यटन कर्मचारी संघ ने मांगें पूरी होने तक पर्यटन के एकीकरण का विरोध तेज करने की रणनीति बनाई है। संघ ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए पर्यटन मुख्यालय पर बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों ने धरने के दौरान पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। संघ का मानना है कि उनकी ऐसी मांगें है जिन्हें आसानी से पूरा किया जा सकता है लेकिन जानबूझ कर सरकार उसे लटका रही है।
सरकार नहीं मान रही मांग
गौरतलब है कि सरकार राज्य में पर्यटन को और रफ्तार देने के मकसद से तीनों निगमों को एक करना चाह रही है। इसके लिए सभी के साथ बातचीत भी हो चुकी है। अब अराजपत्रित कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो ऐसे में कर्मचारी एकीकरण की सरकार की मुहिम में सहयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विरोध एकीकरण का नहीं है, बल्कि सरकार की नीयत का है। महासचिव हेमंत शर्मा ने कहा कि पूर्व में एकीकरण को लेकर कर्मचारियों ने समर्थन दे दिया था पर अब जब सरकार कर्मचारियों की उपेक्षा पर आमादा है, तो किस आधार पर समर्थन किया जाए।
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धरना जारी रहेगा
आपको बता दें कि कर्मचारी संघ ने कहा कि 6 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में पर्यटन निदेशालय के लेखा संवर्ग के कुल स्वीकृत 9 पदों में से चार लेखाकार व पांच सहायक लेखाकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य मांगों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। कर्मचारियों की मांगें जब तक पूरी नहीं की जाएगी संघ का धरना जारी रहेगा। यहां यह भी बता दें कि केएमवीएन जीएमवीएन विकास निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने कहा कि अराजपत्रित पर्यटन कर्मचारी संघ का विरोध समझ से परे है। पूर्व में हुई संयुक्त बैठक में संघ ने भी एकीकरण का समर्थन किया था।