देहरादून। राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अतिथि शिक्षकों की अस्थाई नियुक्ति करने के आदेश का भी शिक्षा विभाग पर कोई असर नहीं हो रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के 1 महीना बीत जाने के बाद भी इसका शासनादेश जारी नहीं किया गया है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की फाइल विभाग में ही दबकर रह गई है। यहां बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा था कि एक हफ्ते के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। इस कमी के चलते छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है। अदालत में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि शिक्षकों की कमी की वजह से राज्य के दूर दराज इलाकों में रहने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
ये भी पढ़ें - अवैध घुसपैठियों पर उत्तराखंड सरकार सख्त, कहा- चुन-चुनकर बाहर किया जाएगा
आपको बता दें कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को अतिथि शिक्षकों को भी अस्थाई तौर पर नियुक्त कर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति शुरू कर दी जाएगी लेकिन 1 महीना बीत जाने के बाद इसके लिए शासनादेश तक जारी नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग की इस सुस्ती में भी हाईकोर्ट की अवमानना को ही देखा जा रहा है।
गौर करने वाली बात है कि सरकार की इस हीलाहवाली से अतिथि शिक्षक काफी परेशान हैं। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष विवेक यादव का कहना है कि बहुत मुश्किलों से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की छूट दी गई है। अब जिस प्रकार ढिलाई की जा रही है उससे अतिथि शिक्षक तो परेशान है ही, साथ ही स्कूलों में पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।