Friday, April 19, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

उत्तराखंड में होगा फैशन फेस्टिवल का आयोजन, पहाड़ी परिधान, हस्तशिल्प और शिल्पकला को मिलेगी नई पहचान

अंग्वाल न्यूज डेस्क
उत्तराखंड में होगा फैशन फेस्टिवल का आयोजन, पहाड़ी परिधान, हस्तशिल्प और शिल्पकला को मिलेगी नई पहचान

देहरादून। उत्तराखंडी परिधानों और पोशाकों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए उत्तराखंड फैशन फस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। अगले महीने 14 और 15 अक्टूबर को फैशन फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 30 माॅडलों का चयन कर लिया गया है। ये सभी उत्तराखंड के परिधान, शिल्पकला और हैंडीक्राफ्ट और वहां की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। 

पारंपरिक शिल्पकला को मिलेगा बढ़ावा

गौरतलब है कि इस एक होटल में हिमालयन बज की ओर से आयोजित ऑडिशन में 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में गुलफाम रोशन, गौरव सिंह, आकांक्षा क्षेत्री और फैशन स्टाइलिस्ट अर्चना ने इनमें से 30 प्रतिभागियों का चयन किया है। बता दें कि ये सभी मॉडल 14 एवं 15 अक्तूबर को आयोजित होने वाले फेस्टिवल में उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाकों एवं देशभर के डिजाइनरों के उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। हिमालयन बज के मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व स्तर पर उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाक, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देना है।

ये भी पढ़ें - उत्तराखंड के अस्पतालों के तार भी ‘डेरा’ से जुड़े, बिना एमओयू कई शवों के लाए जाने का हुआ खुलासा 

 

 

 

 


 

 

 

 

 

 

 

 

Todays Beets: