चमोली। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद इन दिनों उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है। वहीं वन विभाग के आग बुझाने के दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। ताजा खबरों के अनुसार चमोली के जोशीमठ तहसील के जंगलों में भीषण आग लग गई है और यह आग लगातार फैलती जा रही है। हालांकि, ग्रामीणों के साथ-साथ वन विभाग भी लगातार आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटा हुआ है लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। आग लगने के चलते पूरे इलाके में धुंध फैल गई है। जंगली जानवर भी रिहाइशी इलाकों का रुख करने लगे हैं जिससे लोगों में डर का माहौल है।
पहले भी हुई कई घटनाएं
गौरतलब है कि 11 दिसंबर को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पंचाचूली ग्लेशियर की तलहटी में आग लगने की घटना के बाद 20 दिसंबर को उत्तरकाशी की मुखेम रेंज में धौंतरी के जंगल में आग लग गई। अभी इस आग पर पूरी तरह से काबू भी नहीं पाया गया था कि नए साल में 13 जनवरी को कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर छियालेख से गब्र्यांग के मध्य बुग्याल धधकने लगे।
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वन विभाग आग पर काबू पाने में फेल
यहां आपको बता दें कि चमोली के जोशीमठ के जंगलों में लगी आग की लपटें दूर-दूर तक फैल गई हैं। आग पर काबू पाने के विन विभाग के सभी उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। आग के कारण पूरे इलाके में धुंध का असर देखा जा रहा है। वन विभाग की दलील है कि पहाड़ी और चट्टानी इलाका होने की वजह से आग पर काबू पाने में परेशानी हो रही है। आग की भयंकरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब इसका रुख आबादी वाले इलाके की तरफ होने लगा है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चंद्र का कहना है कि ग्रामीणों की मदद से वनकर्मी लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं।
संकट में वन्य प्राणियों का जीवन
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के इन जंगलों में भरड़ व हिमालयन थार के अलावा अन्य विलुप्तप्राय एवं दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों का वास भी है। आग लगने से उनके ठिकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इससे वे आबादी की ओर आ रहे हैं। बता दें कि वन्य जीव अंगों के तस्कर शीतकाल में ऐसे ही मौकों की तलाश में रहते हैं, ताकि आसानी से वन्य जीव उनके चंगुल में फंस सकें।