देहरादून । मैदानी इलाकों के साथ पहाड़ी इलाकों में भी मौसम की मार का असर अब जंगलों में आग के रूप में देखने को मिल रहा है । भीष्ण गर्मी के बीच उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमांऊ मंडल के जंगहों में कई जगह आग लगने की खबरें मिल रही हैं । अभी तक सैकड़ों हेक्टेयर वनभूमि इस आग की चपेट में आ चुकी है, जिसके चलते वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है । आफत इस कदर बढ़ गई है कि कुछ इलाकों में तो जंगलों की आग रिहायशी इलाकों के करीब आ चुकी है। इसी क्रम में आग नैनीताल के पटवाडांगर जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के पुराने भवन की छत तक पहुंच गई। छत जलने के साथ ही भवन को भी नुकसान हुआ है। वहीं चंपावत के वाराकोट वन क्षेत्र की आग GIC के परिसर तक पहुंची, जिसे लोगों ने काफी प्रयास के बाद बुझाया । आग उत्तराखंड के मां पूर्णागिरि धाम की पहाड़ी की ओर फैल रही है, जिससे धाम की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। खतरे को देखते हुए वन, अग्निशमन और पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
62 जगह धधक रही आग
मिली जानकारी के अनुसार , उत्तराखंड के कुमांऊ मंडल में पिथौरागढ़ के अस्कोट रेंज, चंपावत के दोगाड़ी, कार्बेट के कालागाढ़, बिनसर रिजर्व फॉरेस्ट सेंचुरी, नैनीताल के मनोरा, रामनगर के देचौरी, हल्द्वानी वन प्रभाग के जौलासाल, डांडा रेंज, नंधौर रेंज, बूम रेंज, गौला रेंज, भवाली, चंपावत के भिंगरारा, दोगाड़ी, बागेश्वर के बैजनाथ, अल्मोड़ा के जौरासी, रानीखेत, सोमेश्वर, मोहान, द्वाराहाट समेत कुमाऊं के जंगलों में 54 स्थानों पर आग की घटनाएं सामने आईं। कुछ स्थानों पर आग की बड़ी घटनाएं हुईं।
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जीआईसी श्रीनगर के ऊपर जंगलों में आग
श्रीनगर तहसील खोला क्षेत्र के जंगलों में आग बेकाबू हो गई। तीन दिन पूर्व इसी के समीप जीआईसी श्रीनगर के ऊपर जंगल में भी आग लगी थी। बस्तियों और सड़कों के पास फैल रही आग से ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि शरारती तत्व आग लगा रहे हैं। डीएफओ सिविल सोयम पौड़ी संतराम ने बताया कि आग बुझाने के लिए कर्मचारी भेजे जा रहे हैं।
पिथौरागढ़ में बहुमूल्य वन संपदा खाक
इसी क्रम में पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र में धामी फल्याती और मूर्ति, कालूछीना के वनों में आग लगने से बहुमूल्य वन संपदा खाक हो गई है। अल्मोड़ा के गैराड़ मंदिर से सटे जंगल, जौरासी, ताकुला ब्लाक में गणानाथ और मोहान तथा सोमेश्वर के जंगलों और मौलेखाल क्षेत्र में भी कई जंगलों में आग लगी है। नैनीताल जिले के ज्योलीकोट क्षेत्र के लगी आग से मनोरा रेंज के नैनागांव, देवीधूरा, बल्दियाखान, पटवारडांगर, ताकुला आदि क्षेत्रों में वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है।
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चंपावत में फसलों को नुकसान
इसी क्रम मे चंपावत विकासखंड के कई इलाकों में आग ने ग्रामीणों के खेतों में फसल को भी काफी नुकसान पहुंचाया है । ग्राम पंचायत बुड़म के तोक बकौरिया में लगी जंगल की आग से गांव में खेत में अदरक, गडेरी (अरबी), तेज पत्ते की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ।
पहाड़ियों से गिर रहे पत्थर
जहां एक ओर इलाके के लोग जंगलों में आग से परेशान हैं, वहीं धधकती पहाड़ियों से गिर रहे पत्थरों के कारण वाहन चालकों को ज्योलीकोट-नैनीताल हाईवे पर संभलकर चलना पड़ रहा है । बागेश्वर जिले में वज्यूला और बली बुबु मंदिर के समीप के जंगलों में आग से छाई धुंध के कारण यातायात भी बाधित रहा। जिन इलाकों में जंगल जल रहे हैं वहां वातावरण में छाए धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है।