हल्द्वानी। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की तमाम कोशिशें खोखली साबित हो रही हैं। हल्द्वानी के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 4 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है। पीड़ितों क परिजनों से अस्पताल के डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से डाॅक्टरों द्वारा लापरवाही से पूरी तरह से इंकार किया है। अब मामले की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि हल्द्वानी के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में पिछले 24 घंटों के अंदर 4 नवजात शिशुओं की मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि कोटाबाग से पत्नी रीता को लेकर आए महेश कांडपाल ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। बताया कि 15 अगस्त को दोपहर 12 बजे पत्नी को एसटीएच लेकर आए थे। डॉक्टरों ने सब कुछ सामान्य बताया। सामान्य डिलीवरी हुई, पर डाक्टरों ने बताया कि कुछ देर बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। डाक्टरों ने एनआईसीयू न मिलना मौत की वजह बताया। रीता के पति महेश ने बताया कि डाॅक्टरों ने उन्हें एनआईसीयू के बारे में पहले कुछ नहीं बताया और सीधे बच्चे की मृत्यू की खबर सुना दी।
ये भी पढ़ें - बीन नदी के बहाव में फंसी बस, सभी 30 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया
यहां बता दें कि खटीमा से आए संजय ने बताया कि 13 अगस्त को भाभी प्रभावती को अस्पताल में भर्ती कराया था। 14 अगस्त देर रात करीब ढाई बजे बच्चे का जन्म हुआ। डॉक्टरों ने बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती कराया, जहां 15 अगस्त की शाम करीब 5 बजे उसकी मौत हो गई। वहीं हल्दूचैड़ से आई एक अन्य महिला के बच्चे की भी जन्म के कुछ ही समय के बाद मौत हो गई।