देहरादून। राज्य सरकार ने ऊर्जा निगम में साल 2015 में हुई भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठने के बाद ऊर्जा सचिव की ओर से नए सिरे से भर्ती परीक्षा कराने के निर्देश दिए गए। बता दें कि साल 2015 में ऊर्जा निगम में लेखाधिकारी, विधि अधिकारी और सहायक अभियंता विद्युत एवं यांत्रिक के खाली पदों पर भर्ती परीक्षा कराने का जिम्मा गाजियाबाद की एबीसी असेसमेंट कंपनी को दिया गया था लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद अनियमिताओं की खबर आई थी।
जांच में पता चली गड़बड़ी
गौरतलब है कि ऊर्जा निगम की परीक्षा में अनियमितताओं की शिकायत आने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए और अपर सचिव ऊर्जा को जांच अधिकारी बनाया गया। उनकी जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता नहीं बरती गई।
ये भी पढ़ें - LIVE - गुजरात चुनाव - दोपहर 12 बजे तक 23 फीसदी मतदान, पीएम मोदी ने राणिप बूथ पर लाइन में लगकर...
परीक्षा निरस्त करने के आदेश
आपको बता दें कि लंबे समय से शासन में अपर सचिव की जांच रिपोर्ट भी डंप रही और इस परीक्षा भर्ती के परिणाम जारी नहीं किए जा रहे थे और न ही परीक्षा को निरस्त ही किया जा रहा था। ऐसे में बेरोजगार युवाओं का दबाव लगातार सरकार पर बढ़ रहा था। ऐसा माना जा रहा कि त्रिवेंद्र रावत सरकार की ओर से भर्ती परीक्षा को निरस्त किए जाने के आदेश किए गए। सचिव ऊर्जा की ओर से यह आदेश जारी हुए। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को भविष्य में भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी करने को भी कहा गया है।