देहरादून। राज्य में मरीजों को आपातकालीन सेवा 108 की मदद न मिलने से सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। फोन करने के बाद भी गर्भवती महिला को एम्बुलेंस की सेवा न मिलने से महिला ने दूध की गाड़ी में बच्चे को जन्म दिया था। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की काफी फजीहत हो रही है। इस सब के बीच 108 के बेहतर संचालन के लिए सरकार ने 6 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य डॉ.पंकज कुमार पाण्डेय की ओर से इसके आदेश किए गए।
बंदी की कगार पर सेवा
गौरतलब है कि 108 सेवा की संचालक कंपनी जीवीके ईएमआरआई लंबे समय से सरकार से बजट की मांग कर रही है। बजट की कमी के चलते इस कंपनी के कई कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी है और अब नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि कई स्थानों पर एम्बुलेंस सेवा ठप होने की कगार पर पहुंच गई है। 108 सेवा की संचालक कपंनी ने सरकार पर बजट न मुहैया कराने का आरोप लगाया था जिसकी वजह से सेवा को संचालित करने में मुश्किल आ रही है।
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शिकायतों के बाद मिला बजट
आपको बता दें कि लगातार शिकायतों के बाद अब सरकार ने 108 सेवा के लिए बजट जारी कर दिया है। अपर सचिव पाण्डेय ने कहा कि बजट जारी होने के बाद अब राज्य में कहीं भी 108 के संचालन में परेशानी नहीं आएगी। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को निशुल्क अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही 108 सेवा सरकार की प्राथमिकता में है।