देहरादून। सरकारी बाॅन्ड भरकर सस्ती शिक्षा के तहत राज्य से एमबीबीएस कर शर्तों का पालन नहीं करने वाले डाॅक्टरों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। ऐसे डाॅक्टरों की जांच के लिए सरकार ने अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी बाॅन्ड के डॉक्टरों पर कार्रवाई के साथ ही तैनाती एवं उनके तबादले से संबंधित समस्याओं पर भी निर्णय लेगी। चिकित्सा शिक्षा सचिव नितेश झा ने गायब चल रहे बांड के डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कमेटी गठित
गौरतलब है कि सरकार की कार्रवाई के बाद गायब चल रहे डाॅक्टरों में से 72 ने ज्वाइन कर लिया है और 65 अन्य डाॅक्टरों ने जल्द ही ज्वाइन करने को मंजूरी दी है। सरकार द्वारा गठित कमेटी में निदेशक चिकित्सा शिक्षा, एडी हेल्थ, तीनों मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य शामिल होंगे। यह कमेटी बाॅन्ड के आधार पर शिक्षा हासिल करने वाले डॉक्टरों के बारे में निर्णय लेगी।
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नियमों में बदलाव
सरकार मेडिकल कॉलेजों से पास आउट डॉक्टरों की तैनाती के नियमों में भी बदलाव कर रही है। इस साल मार्च में पास आउट हो रहे 182 डॉक्टरों के तैनाती आदेश जनवरी में ही कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही बाॅन्ड की राशि को भी बदला जा रहा है। पहाड़ के युवाओं द्वारा बाॅन्ड के बदले डेढ़ करोड़ की सिक्योरिटी राशि देने में असमर्थता जताने के बाद इस शर्त मंे बदलाव किया जा रहा है। बता दें कि बाॅन्ड की राशि को प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर की जा रही है। हालांकि इस संदर्भ में होने वाला कोई भी बदलाव मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही लिया जाएगा।