देहरादून। खराब माली स्थिति से जूझ रही उत्तराखंड सरकार को एक बार फिर से रिजर्व बैंक से लोन लेना पड़ा है। सरकार ने पहली किस्त के तौर पर इस साल 500 करोड़ का लोन लिया है लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में 5300 करोड़ का लोन लिया जा चुका है। बता दें कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के लिए इस साल का खर्च 6600 करोड़ रखा है, अब सिर्फ 1300 करोड़ की रकम बची है जिसे सरकार ने अगले महीने के लिए बचाकर रखा है ताकि कर्मचारियों और पेंशनधारकों को वक्त पर भुगतान किया जा सके।
आय से ज्यादा खर्च
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। सरकारी खजाने का सबसे ज्यादा पैसा कर्मचारियों और पेंशनधारकों को देने में खर्च हो रही है जिसकी वजह से उसे लोन लेने की जरूरत पड़ रही है। बता दें कि अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड को अपनी आय से ज्यादा वेतन और भत्तों पर खर्च करना पड़ रहा है जिससे सरकार की माथे पर बल पड़ने लगे हैं।
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नहीं हो रहा एरियर का भुगतान
यहां बता दें कि वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि रिजर्व बैंक से लोन लेना एक सामान्य प्रक्रिया है और राज्य ने अभी तक अपने सीमा के अंदर ही लोन लिया है। उन्होंने कहा कि हम अन्य राज्यों से काफी बेहतर स्थिति में हैं। राज्य की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक है यही वजह है कि आरबीआई हमें कर्ज दे रहा है। यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि प्रदेश सरकार करीब तीन महीने पहले सातवें वेतनमान का एरियर देने की घोषणा की है। यह एरियर दो किस्तों में दिया जाना है लेकिन आदेश जारी होने के बाद से अभी तक कर्मचारियों को एरियर का भुगतान नहीं हो पाया है। एरियर पर सालाना 400 करोड़ के करीब खर्च आने का अनुमान है ऐसे में सरकार भुगतान नहीं कर पा रही है।