देहरादून। उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां हमेशा से फिल्म निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित करती रहीं हैं। इसे और बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से भी कोशिशें तेज कर दी गई हैं। अब यहां बनने वाली फिल्मों के लिए कोई शूटिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। हां अगर शूटिंग स्थल पर यदि पहले से ही कोई प्रवेश, पार्किंग या अन्य कोई शुल्क निर्धारित हो तो फिल्म निर्माताओं को उसे वहन करना पड़ेगा। सरकार की ओर से इसके शासनादेश जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड फिल्म नीति-2015 में संशोधन करते हुए शूटिंग शुल्क को खत्म करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि पहले क्षेत्रीय भाषाओं में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के लिए एकमुश्त 15 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अन्य फिल्मों के लिए प्रतिदिन 10 हजार रुपये का शुल्क निर्धारित था। अब इसमें बदलाव किया गया है।
ये भी पढ़ें - कार्यशाला और जन भागीदारी से होगी प्रदेश में जंगलों की सुरक्षा मुमकिन- त्रिवेन्द्र रावत
आपको बता दें कि सूचना एवं लोक संपर्क विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि फिल्म की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के अतिरिक्त कोई अन्य शुल्क नहीं लिया जाएगा। शूटिंग शुल्क न लेने का फैसला कुछ समय पहले ही कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि प्रदेश में शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने माना कि शूटिंग के लिए बाहर से आने वाले टीमों के चलते स्थानपीय लोगों को रोजगार भी मिलता है। शूटिंग शुल्क माफ होने से अब ज्यादा संख्या में फिल्म निर्माता प्रदेश का रुख करेंगे। ऐसे में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।